*मुफलिसी भी तोहमद है, बेटियो के लिए।।। *बाप ग़र | हिंदी Shayari

"*मुफलिसी भी तोहमद है, बेटियो के लिए।।। *बाप ग़रीब हो तो रिश्ते नहीं आते।।। ©Nadeem Khan"

 *मुफलिसी भी तोहमद है,

 बेटियो के लिए।।।


*बाप ग़रीब हो तो रिश्ते नहीं आते।।।

©Nadeem Khan

*मुफलिसी भी तोहमद है, बेटियो के लिए।।। *बाप ग़रीब हो तो रिश्ते नहीं आते।।। ©Nadeem Khan

#तोहमत

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