"ख़ामोश बचपन को
देकर अपने अल्फाज़
ख़ुद मौन रहकर जो हमारे
होठों को दे मुस्कान,
वो साक्षात् ईश्वर का
देवत्व रुप है 'पिता'।
ग़मों की काली परछाई
को रख हम सबसे दूर
ख़ुद दुःख सहकर भी जो
हमें दे ख़ुशी की खनक,
वो खुशियों से झिलमिलाती
सुनहरी धूप है 'पिता'।
©Sonal Panwar
"