नजरो से क्यों जलाती हो आग चाहत की जलाकर क्यों बुझा | हिंदी Shayari Vid

"नजरो से क्यों जलाती हो आग चाहत की जलाकर क्यों बुझाती हो आग चाहत की सर्द रातों में भी कराती हो तपन का एहसास हवा देकर क्यों बढ़ाती हो आग चाहत की ©shubham kumar "

नजरो से क्यों जलाती हो आग चाहत की जलाकर क्यों बुझाती हो आग चाहत की सर्द रातों में भी कराती हो तपन का एहसास हवा देकर क्यों बढ़ाती हो आग चाहत की ©shubham kumar

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