White कभी रेत से ख़वाब थे,
जिसे आंधियों ने गिरा दिए,
कुछ अतीत के पन्ने ,
जिसे वक़्त ने भुला दिए ,
उनसे वस्ल और हिज़्र की बातें
ताउम्र हुई,
शायद किस्मत ने ये सिलसिले
थमा दिए,
ओर ये मोहब्बत , ये कितनी
हकीकत है?
फ़कत यही सवाल किसको किसकी
कितनी जरूरत है ?
मिले मोहब्बत तो हर किस्सा
मशहूर है,
ना मिले तो हर कहानी में जैसे
फ़ितूर ही फ़ितूर है..!!
©Poet Shawaaz
#sad_shayari