"चाहत खुद से कर खुद का ख्याल रख खुशियां दरवाजा खटखटाती है,
जो दूसरों से उम्मीद करते हो प्यार खुद
से तो कर मोहब्बतें खोजती है!
शिकायतों में कुछ नहीं मिला है आज
तक किसी को क्यूं सोचते हों,,
सोच गंदी हो तो सूरत किसी काम की
नहीं क्योंकि कुदरत की बनाई तुम एक
अनमोल मूर्ति हों!!
डीयर आर एस आज़ाद...
©Ramkishor Azad"