White ना जाने कैसी जिंदगी हो गई है
कुछ ढूंढने निकले थे तो खुद में ही खो गए है
इतनी भाग दौड़ में, इतनी तेज रफ्तार में
क्या पाना है क्या खोना है
बस यही सोचने में रह गए है
सुबह जाना फिर शाम को घर आना
बातें कहने को हज़ार है ,
चुप चाप सोने चलें जाना
किस बात में ग़म और किस बात की खुशी बनाए
इसमें उलझते रह गए है
कहने को तो हजार रिश्ते है,वो भी सारे बेमतलब के लगते है
न जाने वो रिश्ते क्यूं अपनाए गए है।।
©sati
#sad_shayari