"बेशर्त दोस्ती
लफ्ज़-ए-दोस्ती एक विश्वास, निश्चितंता और मुस्कान।
नही है कोई भेद इसमे चाहे बच्चा, बुढ़ा या हो जवान।
बस देना ही जाने ये ख़ुद के राह हो चाहे जितने व्यवधान।
शर्त तो मन में लगती है कौन ज्यादा आए दूजे के काम।
satyprabha💕"
बेशर्त दोस्ती
लफ्ज़-ए-दोस्ती एक विश्वास, निश्चितंता और मुस्कान।
नही है कोई भेद इसमे चाहे बच्चा, बुढ़ा या हो जवान।
बस देना ही जाने ये ख़ुद के राह हो चाहे जितने व्यवधान।
शर्त तो मन में लगती है कौन ज्यादा आए दूजे के काम।
satyprabha💕