अबला, लाचार, ना रहे कोई नारी क्यूँ सहे बलात्कार, अ | हिंदी विचार

"अबला, लाचार, ना रहे कोई नारी क्यूँ सहे बलात्कार, अत्याचार औऱ उत्पीडन भी छोड़ लज्जा,बन दुर्गा रक्तरंजित माँ काली सी तू ठान ले तो सब बन जाए गर मन में हो चिंगारी फूलन सी।। ©Prince Pk"

 अबला, लाचार, ना रहे कोई नारी
क्यूँ सहे बलात्कार, अत्याचार औऱ उत्पीडन भी
छोड़ लज्जा,बन दुर्गा रक्तरंजित माँ काली सी
तू ठान ले तो सब बन जाए गर
मन में हो चिंगारी फूलन सी।।

©Prince Pk

अबला, लाचार, ना रहे कोई नारी क्यूँ सहे बलात्कार, अत्याचार औऱ उत्पीडन भी छोड़ लज्जा,बन दुर्गा रक्तरंजित माँ काली सी तू ठान ले तो सब बन जाए गर मन में हो चिंगारी फूलन सी।। ©Prince Pk

#दिल_की_बात

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