अब नहीं होगी मुझसे ये इश्क़-विश्क,प्यार-व्यार
दिमागी दुनिया में नही करनी मुझे यहाँ दिल-विल की बात
तुम करो जाकर दिमागी मोहब्बत, दिल का यहाँ अब कोई वैसा काम नहीं
सुनो ! अब गुलाब का जमाना नहीं ,तुम पैसा देकर जिस्मानी मोहब्बत करना !!
@नंdini
©durgesh nandini
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