जगह तो सब मोहरों की बराबर बंटी थी जाने क्यों आपस | हिंदी Wishes

"जगह तो सब मोहरों की बराबर बंटी थी जाने क्यों आपस में लड़ मरे कल में खुद अपने पास लौट आया ये बात और है तेरी तरफ बहुत दूर तक चला था... -मिथिलेश बारिया ©VED PRAKASH 73"

 जगह तो सब मोहरों की बराबर बंटी थी 
जाने क्यों आपस में लड़ मरे कल में खुद 
अपने पास लौट आया ये बात और है 
तेरी तरफ बहुत दूर तक चला था... 
-मिथिलेश बारिया

©VED PRAKASH 73

जगह तो सब मोहरों की बराबर बंटी थी जाने क्यों आपस में लड़ मरे कल में खुद अपने पास लौट आया ये बात और है तेरी तरफ बहुत दूर तक चला था... -मिथिलेश बारिया ©VED PRAKASH 73

#गोल_चबूतरा

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