White तुम्हें पता है......... ...
मुझे लिखना पसन्द हैं, तो मे आजकल उसे लिख रही हूँ
चाहिये जितनी हसरतें लिखने के लिए में सब उसमे देख रही हूँ
कहने को कहाँ वो कुछ कहता है खामोशी में
पर सच... में ये सब उसकी खामोशी से लिख रही हूँ ||
कि वो जोर से खिलखिलाता हैं आज भी कई बातों पर
पर पहले बाली वो मुस्कुराहट मुझे महसूस ही नहीं होती
परवाह करने लगा है आजकल
वो बेपरवाह बाली सूरत से अब मेरी गुफ़्तगू नहीं होती ||
एक लड़का था आसमान सिर पर लिए हुए
अब उस लड़के से मुलाकात नहीं होती, होती तो लिखने की बजह नहीं होती
आजकल मेरे लिखने की बजह मेरी खामोशी नहीं होती
बजह होती हैं.... थमी नज़रे , खामोश अधर ,ठहरी सीरत और सामने वो चेहरा......||
©Sonam Sharma
#GoodNight