White ' पत्ता '
टूट के डाली से...
पत्ता कुम्हला रहा
छुट गया साथ टहनी से,
अब पछता रहा
वापस न आएगें,
धरती पर प़डा हुआ
याद करके अतीत को,
बस आँसू बहा रहा
मस्ती भरे दिन थे कभी,
हवा से बातें करते थे
बारिश की बूँदें..
आसमाँ से गिरती...
मचल जाते थे
तेज हवा के झोंके,
छू के निकलते,
सिहर जाते थे
अब ना लौट के,
आएँगे वो दिन
यही सोच के,
हवा संग उड़के
हमेशा के लिए,,,!!!
पेड़ से दूर जा रहा है|
©vineetapanchal
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