White अंतर का गृह-युद्ध हमेशा मन से | हिंदी Poetry

"White अंतर का गृह-युद्ध हमेशा मन से ही तो होता है। मन के ऐसे हालातों का मन खुद आप विजेता है।। मन में ठान लिया सरिता को सागर से मिलवाता है। निरुद्देश्य नालों में बहता जल बस सड़ता जाता है।। ©Shiv Narayan Saxena"

 White अंतर का गृह-युद्ध हमेशा 
              मन से ही तो होता है।
मन के ऐसे हालातों का
              मन खुद आप विजेता है।।
मन में ठान लिया सरिता को
             सागर से मिलवाता है।
निरुद्देश्य नालों में बहता
             जल बस सड़ता जाता है।।

©Shiv Narayan Saxena

White अंतर का गृह-युद्ध हमेशा मन से ही तो होता है। मन के ऐसे हालातों का मन खुद आप विजेता है।। मन में ठान लिया सरिता को सागर से मिलवाता है। निरुद्देश्य नालों में बहता जल बस सड़ता जाता है।। ©Shiv Narayan Saxena

#GoodMorning अंतर का गृह-युद्ध..... poetry in hindi

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