ये और बात तेरे दिल में घर नहीं करूंगा, पर इस मुकाम | हिंदी Shayari
"ये और बात तेरे दिल में घर नहीं करूंगा,
पर इस मुकाम से आगे सफर नहीं करूंगा,
किसी से झूठी मोहब्बत, किसी से सच्चा बैर
मैं कर तो सकता हूं ये सब, मगर नहीं करूंगा।"
ये और बात तेरे दिल में घर नहीं करूंगा,
पर इस मुकाम से आगे सफर नहीं करूंगा,
किसी से झूठी मोहब्बत, किसी से सच्चा बैर
मैं कर तो सकता हूं ये सब, मगर नहीं करूंगा।