मुझे खुद से मिलवाने के लिए,
मेरी धड़कनों से मेरी मुलाकात करवाने के लिए ,
मेरी खामियों को मुझसे रूबरू करवाने के लिए
शुक्रिया ए- जिंदगी
शुक्रिया इसलिए की ,
मेरी इंसानी अहम को धूल चखाने में
कामियाब हो गई तू ए - जिंदगी
वरना कहा मैं खुद को पहचान पाती
पूरी उम्र यू तलाश में गुजर जाती ।
कोन हु मै ओरो से पूछती रह जाती
मेहरूम समझती थी मैं जिस मोहब्बत को
खुद से उसकी झलक खुद में देखा कैसे पाती
तुझ बिन ए - जिंदगी
आज तक तूने बहुत कुछ दिया ,ओर जो ना दिया उसके लिए भी दिल से शुक्रिया ए-जिंदगी
©सीमा कोमरे
#Flower शुक्रिया ए- जिंदगी