मुझे समझना बड़ा मुश्किल है,
मैं थोड़े अलग ही रास्ते चुनती हूँ,
विशाल से समुंदर मे पहचाना सा किनारा ढूंढती हूँ,
क्या पता लहरें ही रस्ता बता दें,
उनकी हर आहट को बड़े ध्यान से सुनती हूँ,
कब तक भटकना भला अंजाने से सफर में,
आहिस्ते ही सही पर हर रोज अपना आशियाना बुनती हूँ....
©Sarah Moses
#Ocean