#सुनो_न_! तुमसे इक हिसाब करना चाहता हूँ।
तुम्हारे अधरों पे इक #एहसास रखना चाहता हूँ।
मुद्दतों हो गए हैं तुम्हें खुद में #आलिंगन किये हुए,
पास आओ न! तुम्हारे अधरों को चखना चाहता हूँ।
#बेबसी क्या चीज़ है जान गया हूँ बिन तुम्हारे,
अब तो चली आओ तुम्हें खुद में रखना चाहता हूँ।