इन हवाओ की फिज़ाओ में कुछ नही रखा, अपनी औकात याद रख

"इन हवाओ की फिज़ाओ में कुछ नही रखा, अपनी औकात याद रखो। मोहब्बत-ए-दुश्वारियां क्या करना किसी से इन बेबफाओं में कुछ नही रखा।"

 इन हवाओ की फिज़ाओ में कुछ नही रखा,
अपनी औकात याद रखो।
मोहब्बत-ए-दुश्वारियां क्या करना किसी से         
इन बेबफाओं में कुछ नही रखा।

इन हवाओ की फिज़ाओ में कुछ नही रखा, अपनी औकात याद रखो। मोहब्बत-ए-दुश्वारियां क्या करना किसी से इन बेबफाओं में कुछ नही रखा।

बेवफा
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#khnazim
#leaf

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