यादों में लिखते हैं सुबह शाम
लिखते हैं अपने प्यार का नाम
खयाल तो रहती है दिन रात तुम्हारी मुझे
पर क्या करें सोना हम तुमसे है बहुत दूर
दिन रात बहते अस्क़ तेरी याद में
किसको सुनाए अपना दिल का हाल
दवा के रखे हैं सीने में अपने
दिल की कोने कोने में
तेरी यादों की एक-एक पल
बस यही एक गुजारिश है मेरे बाबा महाकाल से
रखना सलामत मेरे प्यार को
कभी गम ना देना बाबा मेरे यार को
हद से ज्यादा कर दे गुनाह तो
लिख देना सजा मेरी डायरी में,,,,,,,,,,
©Jaydev Kumar
yadon mein likhate hain tere subah Sham