Unsplash बोझ ही कुछ ऐसा था मेरे सीने पर की ज़िम्म | हिंदी Shayari

"Unsplash बोझ ही कुछ ऐसा था मेरे सीने पर की ज़िम्मेदारियों से दब के मर गया मै बचपन लेके शहर में निकला था और बुढ़ापा लेके घर गया ©Pradip kumar"

 Unsplash बोझ ही कुछ ऐसा था मेरे सीने पर 

की ज़िम्मेदारियों से दब के मर गया 

मै बचपन लेके शहर में निकला था 

और बुढ़ापा लेके घर गया

©Pradip kumar

Unsplash बोझ ही कुछ ऐसा था मेरे सीने पर की ज़िम्मेदारियों से दब के मर गया मै बचपन लेके शहर में निकला था और बुढ़ापा लेके घर गया ©Pradip kumar

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