तेरे आंचल में सिमट जाऊ।
मुक्त कर। यहाँ एहसास होने दे।
बहुत थक गया हूं अब सोने दे।
कब तक यात्राएं करवाएगी।
बस कर अब रहने भी दे।
माना कि तेरा अधिकार अधिक है।
जन्म मृत्यु की परिसीमा में बाधित है।
तो क्या तू हमेशा ऐसे ही तड़पाएगी।
मेरे इस प्रेम को तू कब समझ पाएगी।
इस बार मुझे पूरा होने दे।
रोक दे तेरी यात्रा को ।
अब पूर्ण रूप से सोने दे।...
©Pushpendra Singh
#sadak sad love 💗