कभी मिल तो तुझको बताये हम तुझे इस तरह से सताये हम
तेरा इसक तुझसे छीन के तुझे मैं पीला के रुलाये हम
तुझे दर्द दू तू न सह सके तुझे दू जुबां तू न कह सके।
तुझे दू माकन तू न रह सके तुझे मुश्किलों से घेर कर ऐसा रास्ता निकल दू
तेरी दर्द की मैं दवा करू किसी गर्ज की मैं सेवा करूँ।
तुझे हर नजर पर उबोर दू तुझे ज़िंदगी का सबौर दू
कभी मिल भी जायेंगे गम न कर हम गिर भी जायेंगे गम न कर
तेरे एक होने में सक नहीं मेरी नियतो को साफ़ कर
तेरी सां में गई कमी नहीं मेरी इस कलम को माफ़ कर।
©Rakesh(RK)
#kitaabein