Unsplash खत के छोटे से तरह से में नहीं आएंगे।
गम ज्यादा है लिफाफे में नहीं आएंगे।।
ना हम मजनू है ना फरहाद के कुछ लगते हैं
हम किसी जस्त तमाशे में नहीं आएंगे।
मुक्तसर वक्त में यह बात नहीं हो सकती।
दर्द इतने है खुलासे में नहीं आएंगे।।
उसकी कुछ खैर खबर और बताओ यारो।
हम किसी और दिलसे में नहीं आएंगे।।
जिस तरह अपने बीमार से रुखसत ली है।
साफ लगता है की जनाजे में नहीं आएंगे।।
©Jaiveer Singh
#camping नहीं आयेंगे