एक पल में अमर वीरान हो गया हूं, न जाने क्यू उसके | हिंदी शायरी

"एक पल में अमर वीरान हो गया हूं, न जाने क्यू उसके जाते ही बेजान हो गया हूं, सिमट कर रह गया हूं अपने ही घर में मैं जैसे कोई खंडहर शमसान हो गया हूं, ©shayar-Amar singh"

 एक  पल  में अमर वीरान हो गया हूं,
न जाने क्यू उसके जाते ही बेजान हो गया हूं,
सिमट कर रह गया हूं अपने ही घर में
मैं जैसे कोई खंडहर शमसान हो गया हूं,

©shayar-Amar singh

एक पल में अमर वीरान हो गया हूं, न जाने क्यू उसके जाते ही बेजान हो गया हूं, सिमट कर रह गया हूं अपने ही घर में मैं जैसे कोई खंडहर शमसान हो गया हूं, ©shayar-Amar singh

#Affection @#shayari

People who shared love close

More like this

Trending Topic