मिल जाती है राहे मंज़िले भी मिल जाती है
फिर भी न जाने एक कमी सी रह जाती है
जस्न भी हो तो बस यादें ही नज़र आती है
जिंदगी मानो,जिंदगी मानो
चाय में थोड़ी कमी मिठास की रह जाती है
आँखे सोयी रातभर नींद भी पूरी होती है
फिर सुबह तेरे न होने का एहसास दिलाती है
©isha kumari
#shyari_dil_se jab koi khas apna dur ho jaye