एक हसीन दौर जिंदगी का ,,,
जो बीत गया,,उसे मोड़ लाने को दिल चाहता है
ये जो लड़का उलझा पड़ा है, सरकारी कागज़ों की सरपट में
लड़ने,, झगड़ने ,फिर से सवर जाने को दिल चाहता है..!!
पहले से लेकर आखिरी बैंच तक बादशाहत वो ,,,
सुबह की सभा में कुछ अल्फ़ाज़ गुनगुनाने को दिल चाहता है ...!!
कुछ काम अधूरा छोड़ बेफ़िक्री से खेलने चला जाऊ मैं ...!!
गहरा अंधेरा होने पर घर वापिस आऊ मैं
फिर टीचर से दूसरे दिन वो तीखी सी डांट खाने को दिल चाहता है,,,
दोस्तो से की एक एक छेड़खानी,,,
वो चेहरे पर हंसी, नादानियों की मेहरबानी
क्लास की वो मस्ती
उन खुशियों के पलों में फिर से डूब जाने को दिल चाहता है ,,,!!
सन्डे की छुट्टी का वो मज़ा,,, डोरेमोन, शक्तिमान का वो नशा
वो मनोवृत्ति की परियां सचमें होती है
उन बनावटी कहानियों में पहले की तरह खो जाने को दिल चाहता है,,,,
वो एक हसीन दौर जिंदगी का ,
जो बीत गया
उसे मोड़ लाने को दिल चाहता है..!!
©Vikas
#spark Heart beat..... 💞 Neha Nautiyal Mandeep Shiuli Deepti Srivastava