झूठी मुस्कान" चुप रहू तो शब्दों का दम घुटता है,और | हिंदी शायरी

""झूठी मुस्कान" चुप रहू तो शब्दों का दम घुटता है,और सच कहूं तो लोग खफा हो जातें हैं। हम सब जान के अनजान बने रहते हैं,और वो झूठ बोल कर भी मुस्कुराते हैं। ©Abhishek Kumar Pandey"

 "झूठी मुस्कान"
चुप रहू तो शब्दों का दम घुटता है,और सच कहूं तो लोग खफा हो जातें हैं।
हम सब जान के अनजान बने रहते हैं,और वो झूठ बोल कर भी मुस्कुराते हैं।

©Abhishek Kumar Pandey

"झूठी मुस्कान" चुप रहू तो शब्दों का दम घुटता है,और सच कहूं तो लोग खफा हो जातें हैं। हम सब जान के अनजान बने रहते हैं,और वो झूठ बोल कर भी मुस्कुराते हैं। ©Abhishek Kumar Pandey

#heartless_poet

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