White ज़िंदगी में सोचा ना था, कि ऐसे भी फ़साने हो | हिंदी शायरी

"White ज़िंदगी में सोचा ना था, कि ऐसे भी फ़साने होंगे। दर्द में होकर भी आंसू छुपाने होंगे। बचपन ही बेहतर था, खुलकर तो रो लिया करते थे। अब तो रोने के लिये भी बहाने होंगे। ©BS NEGI"

 White ज़िंदगी में सोचा ना था,
 कि ऐसे भी फ़साने होंगे।
दर्द में होकर भी आंसू छुपाने होंगे।
बचपन ही बेहतर था,
 खुलकर तो रो लिया करते थे।
अब तो रोने के लिये भी बहाने होंगे।

©BS NEGI

White ज़िंदगी में सोचा ना था, कि ऐसे भी फ़साने होंगे। दर्द में होकर भी आंसू छुपाने होंगे। बचपन ही बेहतर था, खुलकर तो रो लिया करते थे। अब तो रोने के लिये भी बहाने होंगे। ©BS NEGI

आंसू

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