काश! मैं पानी हो जाऊ
हर रंग में रंग जाऊं
हर सांचे में ढल जाऊं
खुदा मुझ पर ये रहमत बरपाए
काश मैं पानी हो जाउं
कभी बारिश बन
खुशियों की बोछर लाऊं
कभी नहर बन
दूर पहाड़ों में जाऊ
कभी बन जाऊं झरना
और प्रकृति की सुंदरता बढ़ाउं
सब कुछ मैं खुद में समाती चली जाऊं
काश मै पानी हो जाऊं
चाहूं में खुशियों भारी
आंखों में रहना
दुख का समुंदर बन
मुझको ना बहना
हरा, लाल , नीला सुनहरा हो
मेरा रंग कभी मैला न हो
बादलों से मिलकर सतरंगी हो जाऊं
काश मैं पानी हो जाऊं
🖋️ रिम्पी लीखा
©Rimpy Ankur Leekha
#सतरंगी