धरा, जल, पवन सब साथ हैं, अब हलचल होनी चाहिये, समा | हिंदी Poetry

"धरा, जल, पवन सब साथ हैं, अब हलचल होनी चाहिये, समा बँधने को तैयार है, अब महफ़िल सजनी चाहिये! ........ Er. Himanshu Pandey ©Kavi Himanshu Pandey"

 धरा, जल, पवन सब साथ हैं, अब हलचल होनी चाहिये, 
समा बँधने को तैयार है, अब महफ़िल सजनी चाहिये! 
   ........ Er. Himanshu Pandey

©Kavi Himanshu Pandey

धरा, जल, पवन सब साथ हैं, अब हलचल होनी चाहिये, समा बँधने को तैयार है, अब महफ़िल सजनी चाहिये! ........ Er. Himanshu Pandey ©Kavi Himanshu Pandey

धरा, महफ़िल #beingoriginal #nojotohindi

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