रावण रामायण का ऐसा चरित्र है जिसे ज्यादा पसंद नही किया जाता है। जबकि रावण के ज्ञान की बात करें या फिर उसके बाहुबल की कहीं कोई नहीं ठहरता था उसके आगे।
प्रभु राम ने वध जरुर किया था अंहकारी रावण के अंहकार और पराई स्त्री के हरण के हेतु लेकिन सम्मान भी उतनी थी रावण के ज्ञानवान और बलवानता की।लालसा तृष्णा ऐसे दुर्गुणता है ये जिसके भी अंदर होती है सर्वनाश का कारण बनती है। और यही सीख देती हमारी ये रामायण भी है।
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रावण का अंहकार
राम ने किया उद्धार