फिर एक दिन यूं होता है, नींद के बिस्तर पे ख़्वाब च | हिंदी विचार

"फिर एक दिन यूं होता है, नींद के बिस्तर पे ख़्वाब चुभते हैं! दबे पांव आ जाती हैं यादें, चादरों से टूटे ख़्वाब झरने लगते हैं !! ©Deep Thapliyal"

 फिर एक दिन यूं होता है,
नींद के बिस्तर पे ख़्वाब चुभते हैं!
दबे पांव आ जाती हैं यादें, 
चादरों से टूटे ख़्वाब झरने लगते हैं !!

©Deep Thapliyal

फिर एक दिन यूं होता है, नींद के बिस्तर पे ख़्वाब चुभते हैं! दबे पांव आ जाती हैं यादें, चादरों से टूटे ख़्वाब झरने लगते हैं !! ©Deep Thapliyal

दिन से एक कारोबारी रिश्ता है,
दोस्ती मेरी सिर्फ़ रात से है....!!

-जावेद अख्तर

शुभरात्रि ....

People who shared love close

More like this

Trending Topic