चांद को गुरूर है अगर चांदनी पे बहुत।
तो हम सूरज हैं, बदल देंगे निगाह - ए - करम अपनी।।
✍ Mohammad Adnan Rabbani
Chand Ko Gurur Hai Agar Chandni Pe Bahut
To Hum Suraj Hain, Badal Denge Nigah - e - Karam Apni
Adnan Rabbani's Shayari • चांद को गुरूर है अगर चांदनी पे बहुत।
तो हम सूरज हैं, बदल देंगे निगाह - ए - करम अपनी।।
✍ Mohammad Adnan Rabbani
Chand Ko Gurur Hai Agar Chandni Pe Bahut
To Hum Suraj Hain, Badal Denge Nigah - e - Karam Apni