White किसपे करे यकीन, किससे करे गिला
मेरा नसीब, तूने क्यों यूं हाला कर दिया।
सपनों की मूरतें थीं चमकतीं कहीं,
तूने उनके रंगों को धुंधला कर दिया।
हर मोड़ पर मिला मुझको धोखे का समंदर,
दर्द की लहरों ने दिल को हल्का कर दिया।
किसी से चाही थी मैंने थोड़ी सी राहत,
पर वक्त ने जख्मों का हक़ अदा कर दिया।
आस थी कि कोई समझेगा दर्द मेरा,
पर तूने तन्हाई में खामोश कर दिया।
किसपे करे यकीन, किससे करे गिला,
तूने ही नसीब मेरा हाला कर दिया।
अब लड़ूंगा मैं खुद से, न किसी से गिला,
मेरी तुन्ही ने रूह को फिर मजबूत कर दिया।
©Aditya Vardhan Gandhi
#love_shayari