भर जाएंगे मेरे जख्म भी तुम जमाने से जिक्र न करना | हिंदी Poetry

"भर जाएंगे मेरे जख्म भी तुम जमाने से जिक्र न करना ठीक तो शायद नही हूँ मगर तुम मेरी फिक्र न करना"

 भर जाएंगे मेरे जख्म भी 

तुम जमाने से जिक्र न करना

ठीक तो शायद नही हूँ 

मगर तुम मेरी
 फिक्र न करना

भर जाएंगे मेरे जख्म भी तुम जमाने से जिक्र न करना ठीक तो शायद नही हूँ मगर तुम मेरी फिक्र न करना

#thaught #Lines

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