ख़ामोशी खामोशियाँ उनकी अब भाने लगी हैं मलाल हैं इ | हिंदी शायरी
"ख़ामोशी
खामोशियाँ उनकी
अब भाने लगी हैं
मलाल हैं इस बात का
कि अब वो किसी और को ही
चाहने लगी हैं
कल जो कहते थे
इन आँखों से कभी दूर मत होना
आज वो ही हम से
नज़रें चुराने लगी हैं
_पवन"
ख़ामोशी
खामोशियाँ उनकी
अब भाने लगी हैं
मलाल हैं इस बात का
कि अब वो किसी और को ही
चाहने लगी हैं
कल जो कहते थे
इन आँखों से कभी दूर मत होना
आज वो ही हम से
नज़रें चुराने लगी हैं
_पवन