दोष मेरी नज़र का नहीं था, कशिश उसकी आँखों में थी जुबान मेरी खुली नहीं थी, मीठापन उसकी होठों में थी स्वीकार लिया था मैंने कि हम नहीं होंगे उनके पर कमबख्त आँखों ने उसकी नज़र को और होठों ने उसकी जुबान को समझ लिया था । ©Dr. H(s)uman , Homoeopath #इश्क़ Quotes, Shayari, Story, Poem, Jokes, Memes On Nojoto