Sea water बड़े वक्त से लिखा नहीं है कुछ
सब कहने लगे हैं इतनी खुशी नहीं दिखती
नहीं टिकती।
किसे दर्द कहूँ, किसे कहूँ कि हार रही हूँ
थक रही हूँ।
हर तरह से
जब तुमसे कहना चाहा तुम भागते हुए मिले
हर बार कमी निकालते हुए मिले
तो अब बस तुम्हें नहीं तलाशती
पहले की तरह
पर तुमसे पहले भी तो किसी को नहीं तलाशती थी
बस अब जब सोचती हूँ दर्द होता है
बहरहाल उसकी भी आदत हो चली हैं।
©roopali purohit
#Seawater