"मेरा झूठ तो झूठ सही
तेरे सच का पता नहीं
मेरा दिन में आज भी सूरज
अब तेरे कल का पता नहीं
चल मेरे वादे सारे झूठे
पर तेरे वादे सच्छे थे
शायद ये भी बात सही मुझमें थोड़ी है गद्दारी
पर क्यों तेरे धागे कच्छे थे।
मेरी तो आंखों में पानी
तेरे दिल में पता नहीं"