"वो ग़ज़ल लिखते है और हम सुनते है। वो सबपे लिखते | हिंदी शायरी Vi

" "वो ग़ज़ल लिखते है और हम सुनते है। वो सबपे लिखते है और हम नासमझ खुद पे समझते है।" ©Jitendra Kumar "

 "वो ग़ज़ल लिखते है और हम सुनते है। वो सबपे लिखते है और हम नासमझ खुद पे समझते है।" ©Jitendra Kumar

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