ये इशà¥à¤• नहीं आसां बस इतना समठलीजे हम इश्क में जो दिल हारे है
लगता था तुझे हम तेरे सहारे है
जिस दिलका तू तुकडा था
तूने ऊसी दिलं को तोडा है
तु खुश होगी अब तेरा कोई और सहारा होगा
हम भी काहा अकेले रहेंगे इश्क तो दोबारा होंगा
तुम कल हो मेरा मै किसी का आज हू
तू समझ न पायेगी कभी मैं ऐसा राज हु
मा बाप का लाडला दोस्तों के सर का ताज हू
अरे हमे मिट्टी मे मिलाने का ख्वाब देखणे वाली
जरा सर उठा कर देख मैं तो आसमान उडता हुआ बाझ हू
©writersurya
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