जिद है कि , अभी एक दौड़ बाकी है तमाम उम्र है इश्क | हिंदी शायरी

"जिद है कि , अभी एक दौड़ बाकी है तमाम उम्र है इश्क के लिए ... अभी कुछ और बाकी है अभी अल्फाजों के मोती हैं हमारे पास अभी इनको एक नज़्म में पिरोना बाकी है... तेरी याद, तेरे ख्वाब, तेरे लफ्ज़ सब तेरे पास बस तेरे नाम की सीने में एक चुभन बाकी है तमाम उम्र है इश्क के लिए अभी कुछ और बाकी है ... ©Roy Sahab"

 जिद है कि , अभी एक दौड़ बाकी है
तमाम उम्र है इश्क के लिए ...
अभी कुछ और बाकी है 
अभी अल्फाजों के मोती हैं हमारे पास
अभी इनको एक नज़्म में पिरोना बाकी है...
तेरी याद, तेरे ख्वाब, तेरे लफ्ज़ सब तेरे पास 
बस तेरे नाम की सीने में एक चुभन बाकी है
तमाम उम्र है इश्क के लिए 
अभी कुछ और बाकी है ...

©Roy Sahab

जिद है कि , अभी एक दौड़ बाकी है तमाम उम्र है इश्क के लिए ... अभी कुछ और बाकी है अभी अल्फाजों के मोती हैं हमारे पास अभी इनको एक नज़्म में पिरोना बाकी है... तेरी याद, तेरे ख्वाब, तेरे लफ्ज़ सब तेरे पास बस तेरे नाम की सीने में एक चुभन बाकी है तमाम उम्र है इश्क के लिए अभी कुछ और बाकी है ... ©Roy Sahab

#अभी कुछ और बाकी है ...

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