इस शहर के बादल तिरी ज़ुल्फ़ों की तरह हैं ये आग लगा | हिंदी शायरी Video

"इस शहर के बादल तिरी ज़ुल्फ़ों की तरह हैं ये आग लगाते हैं बुझाने नहीं आते ©दीप नारायण द्विवेदी "

इस शहर के बादल तिरी ज़ुल्फ़ों की तरह हैं ये आग लगाते हैं बुझाने नहीं आते ©दीप नारायण द्विवेदी

#शहर के बादल

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