बदल लो ख़ुद को या वक़्त बदलना सीखो,
मजबूरियों को कोसों मत हर हाल में चलना सीखो
मंजिल कितनी भी ऊँची हो रास्ते हमेशा पैरो के नीचे होते है, हर रोज आईने के सामने खड़े होकर खुद से बोलो जो भी होगा देख लेंगे ज़िन्दगी की हर जंग को जीत लेंगे.
बदल लो ख़ुद को या वक़्त बदलना सीखो,
मजबूरियों को कोसों मत हर हाल में चलना सीखो!!🏃🚶🧎
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Badal lo khud ko