White आपसे मेरे ख्वाब मिलते हैं
इसलिए हम जनाब मिलते हैं
आपको मिलती है दुआ हर बार
हमको तो बस अजाब मिलते हैं
याद तो होगा फरवरी तुमको
जाने कितने ग़ुलाब मिलते हैं
उसने की है मेरी नकल यहाँ पर
उसके मेरे जवाब मिलते हैं
उन घरानो से आते हैं जहाँ पर
सर झुकाकर नवाब मिलते हैं
©Rajat Bhardwaj
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