जिसे गुजरे दिन के ग़म से नहीं फुर्सत, 🌺
उसको नए साल की मुबारकबाद क्या देना। 🙏🌈🙏🙂
शायद खुशी का दौर भी आ जाए एक दिन, 🥺
ग़म भी तो मिल गये थे तमन्ना किये बगैर। 🌷🌺🌷😎
ग़म-ए-हयात परेशान न कर सकेगा मुझे, 🙂
कि आ गया है हुनर मुझ को मुस्कुराने का। 🌺🌈🙌🌥
©NI Sahil
Shayad Khushi Ka Daur bhi a Jaaye