देखो ना आप मैं कितना थक गई हूं
सबसे हमारे लिए लड़ते लड़ते
मुझे अब इन दीवारों से डर लगने लगा है
कहीं ये रस्मो रिवाज, समाज और जिम्मेदारियां
कमजोर न कर दें हमारे दिलों को...
इन्हें मजबूती से बांधने के लिए
फिर से तड़फना है हमें पहली बार की तरह
फिर से शरमा कर छुपना है
फिर से तुम्हारे दिखाएं हुए सपनो को
जीना है......
कल फिर से लड़ना है हमारे लिए सबसे...!!!
©kavita Shukla
#ValentinesDay
#promiseday #