आँधिया चाहे लाख जोर आजमाइश कर ले
लेकिन वो पेड़ तब भी खड़े रहते है
जिनमे झुकने का हुनर होता है
झुकने का अर्थ यह नहीं कि
आपने सम्मान खो दिया
हर कीमती चीज़ उठाने के
लिए झुकना पड़ता हैं।
इतना सस्ता भी नही हू जितना
लोग समझ लेते है मुझे
हां मै रिश्तों मे झुका जरूर हू
लोग गिरा हुआ समझ लेते है मुझे
©Arjun Nanu