जाने कौन हो तुम,
बस तुम्हारी एक झलक देखी थी,
मेरा सर्द ठंडी सुबह में घूमने जाना,
तुम्हारा सर पर परात रख कर निकलना,
पसीने की बूंदें तुम्हारे माथे पर मोती सी
चमक रही थी,
कितना अजीब था की सर्दी में पसीने,
और वो भी इतने सुंदर चेहरे पर,
बस अब रोज का बहाना हो गया,
वहां से गुजरने का,
पर तुम नहीं दिखे फिर से,
वो पल आंखों में समा गया,और
रह गया इंतजार
.
.
इंतजार
बस उस पल का
जब फिर तुम नजर आओ।
©AGYAT
#गोबर पाथने वाली लड़की....जो दिखी एक पल को....