इंकार ऎ मुहब्बत" इकरार भी जरूरी था प्रिय इजहार | हिंदी शायरी
""इंकार ऎ मुहब्बत"
इकरार भी जरूरी था प्रिय
इजहार भी जरूरी था
इश्क बरकरार रहे इसलिये
तेरा इंतजार भी जरूरी था
अगर मोहब्बत के बदले हर बार
मुहब्बत मिल जाये ये जरूरी तो नहीं
कभी कभी रिस्ता बना रहे
इसलिये तेरा इंकार भी जरूरी था
#Teamo
Mk. Mehra"
"इंकार ऎ मुहब्बत"
इकरार भी जरूरी था प्रिय
इजहार भी जरूरी था
इश्क बरकरार रहे इसलिये
तेरा इंतजार भी जरूरी था
अगर मोहब्बत के बदले हर बार
मुहब्बत मिल जाये ये जरूरी तो नहीं
कभी कभी रिस्ता बना रहे
इसलिये तेरा इंकार भी जरूरी था
#Teamo
Mk. Mehra